सेना पर खर्च के मामले में भारत अब दुनियाभर के देशों में पांचवे पायदान पर आ गया है. 
वर्ष 2017 में भारत के सैन्य खर्च में साढ़े पांच फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, 
भारत ने फ्रांस को पीछे छोड़ दिया है. 
यह जानकारी स्वीडन के स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) की सालाना रिपोर्ट में सामने आई है.
- सैन्य खर्च के मामले में अमेरिका पहले स्थान पर और चीन दूसरे स्थान पर है. कुल वैश्विक सैन्य खर्च में 60 फीसदी अकेले भारत और चीन का है.
 - वर्ष 2017 में वैश्विक सैन्य खर्च में वर्ष 2016 के मुकाबले 1.1 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है. सैन्य खर्च का आंकड़ा वर्ष 2017 में 115.92 लाख करोड़ रुपए का रहा, जो वैश्विक जीडीपी का 2.2 फीसदी है. कुल सैन्य खर्च वर्ष 2016 में 112 लाख करोड़ रुपए था.
 
> चीन के मुकाबले भारत का सैन्य खर्च वर्ष 2016 की तुलना में वर्ष 2017 में भारत ने सैन्य खर्च साढ़े पांच फीसदी बढ़ाया है. 
> इस खर्च में 14 लाख मौजूदा और करीब 20 लाख रिटायर्ड सैन्यकर्मियों की जरूरतें भी शामिल हैं. 
> भारत का सैन्य खर्च वर्ष 2017 में 4.26 लाख करोड़ रुपए रहा. हालांकि चीन अभी भी सैन्य खर्च के मामले में भारत से 3.6 गुना आगे है. 
> चीन ने अपना सैन्य खर्च करीब 80 हजार करोड़ रुपए तक बढ़ाते हुए 15.19 लाख करोड़ रुपए कर दिया हैं.
सैन्य खर्च में शीर्ष 5 देश:
स्थान  | देश  | खर्च (लाख करोड़ रुपये)  | 
1  | अमेरिका  | 40.68  | 
2  | चीन  | 15.19  | 
3  | सऊदी अरब  | 4.60  | 
4  | रूस  | 4.40  | 
5  | भारत  | 4.26  | 
> रूस का रक्षा खर्च 1998 के बाद पहली बार घटा है. रूस का रक्षा खर्च वर्ष 2017 में 66.3 अरब डॉलर रहा है जो वर्ष 2016 की तुलना में 20 प्रतिशत कम है.