hindi shabdkosh
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जैसा की हम जानते है की हिंदी प्राच्य भाषा संस्कृत से जन्मी है फिर भी उससे कई रूपों में भिन्न है जैसे स्वर,
व्यञ्जन , उच्चारण स्थान आदि की दृष्टि से भी भिन्न है
मनुष्य संसार के अन्य प्रणियों से इसलिए भिन्न है क्योकि उसके पास भाषा अनुपम खजाना है मनुस्य अपने भावों विचारों को शब्दों के द्वारा व्यक्त करता है अब वाही शब्द हम गलत बोले तो अर्थ का भी अनर्थ हो जाता है वैसे भी आप सभी विद्वान जन जानते ही है की हिंदी का शब्द कोष दुनिया की अन्य भाषाओं से विशाल है कई व्याकरणाचार्यों के मुताबिक 7 लाख शब्दों से भी ज्यादा है जबकि वहीँ अंग्रेजी का शब्द कोष 3. 5 लाख के लगभग माना गया है फिर भी हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी को अंतर्राष्ट्रीय भाषा का दर्जा नहीं मिल प रहा है क्यों जरा इसी विचार के साथ रात को सोते समय सोचिये आपकी समझ में आ जायेगा ! हिंदी एक विशाल भाषा है जिसको विभिन्न भारत की अनेक छोटी -छोटी बोलियों उपभाषाओं विदेशी भाषाओं तत्सम तद्भव समास संधि उपसर्ग प्रत्य आदि ने इसे विशाल और अक्षुण रखा है !आज मै उसी शब्द सागर से कुछ शब्दों को तुम्हे बताने का प्रयास करूंगा जिससे आप भी उससे लाभान्वित हो सके !
hindi shabdkosh kram
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तो शुरुआत करते है हिंदी वर्णमाला के प्रथम वर्ण अ से ज्ञ तक
अ - हिंदी [देवनागरी ],संस्कृत वर्णमाला का पहला अक्षर है ,इसका उच्चारण स्थान कण्ठ है /इसके कई अर्थ
है ब्रह्मा ,सृष्टि ,अमृत ,मेघ ,ब्राह्मण ,कीर्ति ,कंठ,ललाट /
अंक - [सं.,पु,]चिन्ह ,निशान ,छाप ,संख्या [२४ ,५६ १०० आदि ]अदद ,गोद ,बगल ,मुद्रा पर अंकित धार्मिक
चिन्ह किसी नाटक या महाकाव्य का खण्ड या सर्ग /
अंकक -[सं ,पु ,वि ]इसका स्त्रीलिंग अंकिका हे हिसाब,अंकित करने वाला , ठप्पा या छाप लगने वाला यन्त्र /
अंकगत -[सं. वि.]गोद में समाया हुआ ,भूमि में दफ़न किया गया शव ,बोया गया बीज /
अंकति -[सं.पु. ]अग्नि ,ब्रह्मा ,पवन भूगर्भ की अग्नि /
अंकधारी - शङ्ख ,चक्र ,त्रिशूल। कमल।,गदा आदि धार्मिक चिन्ह धारण वाला /
अंकपत्र -[सं. पु. ] परीक्षार्थी के अंकों को दर्शाने वाला कागज ,मुद्रांकित कागज ,टिकट
अंकवारी -[हि. स्त्री. ]गोद ,अंक /
अंकशायिनी -[सं. स्त्री. ]साथ[बगल ] में सोने वाली औरत /
अंकशायी -किसी स्त्री की गोद वाला बालक अथवा पुरुष /
अंक्य -ऐसा अपराधी जो दागने योग्य हो ,मृदंग ,पखावज नामक वाद्ययंत्र /
अँखिया -[ही. स्त्री ]आँख ,नक्काशी के काम आने वाली छोटो सी कलम /
अंग -[सं. पु.]शरीर के भाग ,आश्रित विषय अथवा वस्तु ,मन ,
आगे फिर लिखूंगा निरन्तर
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