सिंधु जल बंटवारे पर शुरू हुई भारत-पाक वार्ता
भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल बंटवारे को लेकर बातचीत शुरू हो गई है।
स्थायी सिंधु आयोग की दो दिवसीय बैठक नई दिल्ली में शुरू हुई। दोनों देशों को इस बैठक से सिंधु जल संधि के तहत विभिन्न मुद्दों का हल निकलने की उम्मीद है।
स्थाई सिंधु आयोग की यह 114वीं बैठक है।
भारत की ओर से इस बैठक में इंडस वाटर कमिश्नर पीके सक्सेना, विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि और एक तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हैं। पाकिस्तान की ओर से इस बैठक में सैयद मुहम्मद मेहर अली शाह भाग ले रहे हैं।
इतिहास: भारत और पाकिस्तान के मध्य 1960 की सिंधु जल संधि के तहत स्थायी सिंधु आयोग की स्थापना की गई है। इस संधि के तहत आयोग को संधि के क्रियान्वयन, सिंधु जल तंत्र के विकास के लिए दोनों पक्षों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने को सहयोगी व्यवस्था स्थापित और बनाए रखने की जिम्मेदारी दी गई है।
आयोग में दोनों देशों का प्रतिनिधित्व उनके आयुक्त करते हैं।
- संधि के मुताबिक, इस आयोग की साल में कम से कम एक बैठक भारत-पाकिस्तान में होनी चाहिए। आयोग की 113वीं बैठक 20 से 21 मार्च तक पाकिस्तान में हुई थी। इसके बाद ही आयोग की 114वीं बैठक दिल्ली में 29-30 मार्च को हो रही है।
- सिंधु समझौते के दायरे में छह नदियों, व्यास, रावी, सतलुज, सिंधु, चेनाब और झेलम का पानी आता है। संधि के तहत पश्चिम की ओर बहने वाली तीन नदियों- सिंधु, झेलम और चेनाब का पानी पाकिस्तान के लिए आरक्षित है जबकि रावी सतलुज और व्यास का पानी भारत के हिस्से में आता है।
पाकिस्तान ने चेनाब नदी बेसिन में स्थित भारत की रातले (850 मेगावाट), पाकल दल (1000 मेगावाट) और लोअर कलनाई (48 मेगावाट) परियोजनाओं को लेकर आपत्ति व्यक्त की है। उसकी दलील है कि इससे 1960 की सिंधु जल संधि का उल्लंघन हो रहा है। हालांकि भारत का कहना है कि इन परियोजनाओं की संरचना संधि के प्रावधानों के अनुरूप है।
- PK Saxena- India’s Indus Water Commissioner.
- The Indus Waters Treaty was signed in 1960 and involves six rivers – the Beas, Ravi, Sutlej, Indus, Chenab and Jhelum.
- The PIC had last met in March 2017 in Islamabad, Pakistan.
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