योजना आयोग के पूर्व सदस्य एनके सिंह को 15वें वित्त आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
नियुक्ति के बाद सिंह ने कहा है कि नया आयोग केंद्र और राज्यों के वित्त पर जीएसटी के प्रभाव का अध्ययन करेगा।
उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोग के लिए ऐसा करना अनिवार्य है। सिंह ने कहा कि जीएसटी के प्रभाव के अध्ययन को आयोग के कार्य क्षेत्र में शामिल किए जाने में आश्चर्य जैसी कोई बात नहीं है।
वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव शक्तिकांत दास, पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अशोक लाहिड़ी, नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद व जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में प्रोफेसर अनूप सिंह आयोग के सदस्य बनाए गए हैं।
वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव शक्तिकांत दास, पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अशोक लाहिड़ी, नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद व जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में प्रोफेसर अनूप सिंह आयोग के सदस्य बनाए गए हैं।
- आयोग अपनी रिपोर्ट अक्तूबर 2019 तक सौंपेगा।
- आयोग केंद्र व राज्य सरकारों के वित्त, घाटे, ऋण स्तर व राजकोषीय अनुशासन प्रयासों की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करेगा।
- यह राजकोषीय स्थिति मजबूत करने की व्यवस्था पर सुझाव भी देगा।
- नए वित्त आयोग की सिफारिशें एक अप्रैल 2020 से शुरू होने वाले पांच साल की अवधि के लिए होंगी।
नोट: वित्त आयोग एक संवैधानिक संस्था है, जिसका गठन संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत हर पांच साल में होता है। आयोग केंद्र से राज्यों को मिलने वाले अनुदान के नियम भी तय करता है।
स्रोत: अमर उजाला
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